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इन्दौरी तड़का : इंदौर में प्रॉब्लम नी आती है बस कैसेट उलझ जाती है

indori tadka : indore people have no any problem

हाँ बड़े यहाँ पे प्रॉब्लम्स नी आती है यहाँ पे बस कैसेट उलझ जाती है। यहाँ पे लोगो को जब बी कोई परेशानी आती यही तो वो यहीं केते फिरते है भिया कोई नई हुआ बस थोई कैसेट उलझ गई है अब अपन मिलके सुलझा लेंगे तो सुलझ जाएंगी वरना तो कोई बात ही नी है। हाँ भिया अगर बड़ी प्रॉब्लम है तो लोग यहाँ पे तुमको यहीं केते नजर आएँगे की कैसेट उलझ गई है और अगर छोटी प्रॉब्लम है तो केंगे थोड़ी कैसेट अटक री है ठीक करवानी पड़ेंगी।  बड़े ये इंदौरी भाषा है ही ऐसी कुछ बी बोलते है लोग।  अब अच्छा लगता है को यहाँ पे लोग भन्नाट बोलते है "हाओ भिया आज तो बड़े भन्नाट लग रिए हो पट्ठी के साथ कहीं घूमने की प्लांनिग है क्या"।  बड़े कंफियूजियाओ ना पट्ठी मने गर्लफ्रेंड। भिया यहाँ की भाषा ही ऐसी है सब यहाँ पे ऐसे ही केते है।

बड़े हाँ को हाओ, बेहतरीन को भेतरीन, भाई को भिया, लड़के को कमीना, स्कूल की मेडम को हिटलर, पट्ठी के बाप को कुत्ता, अपने आप को श्याणा। बड़े यहाँ पे सबके अलग अलग नामकरण होते है एक नाम माँ पापा रखते है, एक पट्ठी या पट्ठा रखता है, एक दोस्त या सहेलियां रखती है, और एक लोग खुद ही रख लेते है। सई है बड़े ये इंदौर जगे ही ऐसी है यहाँ पे साला सबकी कैसेट उलझी पड़ी हुई है।

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