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इन्दौरी तड़का : भिया भोत हो गई होली और रंगपंचमी

indori tadka march is last month of enjoyment for indori peoples

इन्दौरी तड़का : हाँ भिया फिर कैसी रहीं आपकी होली और रंगपंचमी मजे आए या नी। भिया इंदौर में तो लोगो में ऐसी होली देखने को मिली ना की पूछो ही ना। होली पे तो नी हाँ लेकिन रंगपंचमी पे भोत लपककर धूम मची थी। बड़ी बड़ी गैर निकाली गई थी जिसमे लोग मस्ती से झूमते हुए नजर आए थे। क्या बड़े ऐसे मजे आए थे ना की क्या बतऊ। यहाँ पे रंगों की मस्ती में जमकर नाच रे थे। लेकिन अब सब खत्म। हमारा मतलब है की बस मार्च में ही एन्जॉयमेंट था अब तो सब खत्म  ही हो चला है होली बी गई, रंगपंचमी बी गई और अब JIO बी जाने वाला है। JIO के जाने का जितना दुःख है उतना तो अपने लवर से ब्रेअकप के बाद बी नी होगा लोगो को। बड़े भोत ज्यादा गम में डूबे लोग नजर आने वाले है। अबी तक तो इंदौर वाले सब के सब फ्री का माल खा रिए थे अब क्या होगा इनका। 

एक बात बतऊ भिया अपने इंदौर के बारे में भिया ये इंदौर वाले कुछ बी छोड़ देंगे लेकिन फ्री की चीज़ कबी बी नी। JIO जब शुरू हुआ था ना तबी सब लोगो ने 4000 वाले 4G फ़ोन ले लिए थे और जमकर उड़ाया था नेट और बातें। और अब जब JIO जा रिया है तो सबी को ऐसी मरी आ री है की क्या कहूँ। बड़े कहते है ना चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात वहीँ हाल है इंदौर के लोगो का बी अबी तो।  और बड़े बात करूँ रंगपंचमी और होली की तो अब सब खत्म अब फिर वहीँ जिंदगी चल्लू हो गई है घर से ऑफिस और ऑफिस से घर।

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