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भारत के इस परिवार में तीन पीढ़ी से बने आ रहे हैं सभी पॉयलेट, जानिए इस अनोखे परिवार के बारे में

bhasins, an aviator family that has clocked 100 years of flights together

पैसे कमाने के लिए हमे नौकरी की ज़रूरत होती है और दुनिया में बहुत तरह की नौकरी पायी जाती हैं। उन्ही में से एक होती है पॉयलेट की नौकरी जो हर नौकरी से कहीं ना कहीं बड़ी ही होती है और अनोखी है जिसमे कुछ आनंद भी होता है और रोमांच भी। पॉयलेट बन जाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। एक बार पॉयलेट बन जाओ और सारे आसमान की सैर करो और वहां से धरती के खूबसूरत नजारों का आनंद लो।

इस नौकरी में आपके पास सीखने को बहुत कुछ होता है और हर दिन आप कुछ नया सीखते हैं। प्लेन उड़ा लेना आसान नहीं  होता आसमान का मौसम देखना और हर दिशा का ध्यान देना ही सबसे खास होता है। इसी नौकरी से जुडी एक बात हम आपको बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी चौंक जायेंगे।

वैसे पॉयलेट की नौकरी ज्यादा समय की नहीं होती लेकिन भारत में एक ऐसा परिवार भी है जो 100 सालों से भी ज्‍़यादा समय से इस प्रोफेशन में है। जी हाँ, आपको भी यकीन नहीं  हो रहा होगा इस बात पर लेकिन ये सच है।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत के रहने वाली भसीन परिवार की, जिनके परिवार में चार लोग हैं और ये चारों लोग ही पॉयलेट हैं। बात ये है कि भसीन परिवार की तीन पीढ़ी हैं जो इसी प्रोफेशन से जुडी हुई हैं। जी हाँ, ये परिवार के अपने दादाजी के नक़्शे कदम पर चल रहा है।

इसके बारे में बता दे, इस परिवार का नाता इस प्रोफेशन से साल 1954 से है जब कैप्‍टन जयदेव भसीन ने इंडियन एयरलाइसं में जाने का फैसला किया था। वह भारत के उन पहले सात पायलटों में शामिल थे जो आगे चलकर कमांडर बने वहीँ उनके बेटे रोहित ने भी अपने पिता की तरह इसी को अपना प्रोफेशन बना लिया।

उनके बेटे की शादी भी निवेदिता नाम की एक पॉयलेट से ही हुई है जो दुनिया की सबसे कम की जेट उड़ाने वाली महिला कैप्‍टन बन चुकी थीं। निवेद‍िता के मुताबिक, 'शायद छह या सात साल की उम्र से ही मुझे फ्लाइंग आकर्षित करती थी। उस दिन मैं अपने फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में थी और तभी मेरे पापा हाथ में अप्‍वॉइंटमेंट लेकर दौड़े-दौड़े चले आए।

मेरा सेलेक्‍शन इंडियन एयरलाइंस में हो गया था। उस दिन तारीख थी 29 जून 1984 जिसको मैं कभी नहीं भूल सकती।' निवेदिता ने सिर्फ 20 साल की उम्र में ही एयरलाइन्स ज्वाइन कर ली थी और करीब अपनी 33 बरस की उम्र में ही निया के सबसे बड़े हवाई जहाज एयरबस - 300 की कमांडर बन गईं थीं।

इनके साथ साथ इनका बेटा रोहन भी इस प्रोफेशन में आ गया जो कमांडर बोइंग 777 चलाता है और एयर इंडिया में उसे 10 साल हो चुके हैं। उन्ही की 26 साल की बेटी निहारिका इंडिगो में पायलट है।

इस बात पर निहारिका कहती हैं कि, 'जब मैं छोटी थी तो मम्‍मी-पापा को तैयार होते हुए देखती थी और ये सोचती थी कि मैं भी एक दिन उनकी ही तरह तैयार होना चाहती थी।' और निहारिका भी यही चाहती हैं कि उनकी शादी भी एक पॉयलेट के साथ ही हो। वाकई बहुत ही अनोखा परिवार है ये। 

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