ये अंतर होता है देसी माँ और बॉलीवुड वाली माँ में
माँ वो होती है जो हमारी सभी बातों को बेहद ही अच्छे से जानती है। माँ हमारी बुरी आदतों और अच्छी आदतों दोनों से ही बखूबी वाकिफ होती है। लेकिन अगर हम फिल्मो की बात करें तो फिल्मो में जिस तरह से माँ को दिखाया जाता है वैसी माँ हमारी रियल लाइफ में बिल्कुल नहीं होती है। अब आप बात कर लीजिए "कभी ख़ुशी कभी गम" मूवी की जिसमे जया बच्चन को शाहरुख़ के आने का पता उसकी आहट से ही चल जाता है, और वो मुडकर उसे गले लगा लेती है। और यहाँ पे रियलिटी में जब हम घर आते है और माँ को पता चलता है तो उनका कहना होता है इतनी लेट कुछ शर्म है या नहीं पापा को बताओ तेरी सारी हरकते।