बच्चो की होनहारी लगती है सबको प्यारी
"जब मैं छोटा बच्चा था मैं बड़ी शरारत करता था" ये गाना तो आप सभी ने सूना होगा। है ना, वैसे बचपन के दिन थे ही इतने अच्छे। बहुत मजा आता था बचपन में। कुछ भी करना, कहीं भी घूमना, मस्ती करना किसी को कुछ भी बोलना। बचपन बहुत ही पयार होता है उन दिनों में जो सबसे अच्छा लगता था वो था मस्ती करना और वो भी अपने दोस्तों के साथ। साथ ही सबसे बुरा लगता तह स्कूल जाना लेकिन क्या करे दोस्तों से मिलने के लिए स्कूल तो जाना ही पड़ता था। फिर ऐसाम की भी टेंशन होती थी कुछ पढ़ते लिखते जो नहीं थे। आज हम आपको स्कूल के उन्ही दिनों में ला जाना चाहते है जहां पर आप लोगो ने काफी मस्ती की होगी। आज हम आपको कुछ होनहार बच्चो के द्वारा लिखे गए एक्जाम पेपर्स, एप्लिकेशन दिखाने जा रहे है।
रोलनंबर भी कोई कॉपी करता है क्या भाई।
डेट बोला था डालने को ये क्या है।
यहां पर टीचर भी मजे में आ गए।
थोड़ा नामक शक्कर भी डाल देते।