चेन्नई के दो आर्टिस्ट ने हिन्दू देवी देवताओं को बनाया सांवला, जानें क्यों
हमारे देश में गोरे रंग को ही ख़ूबसूरती का आधार समझा जाता है. अगर कोई सांवला है तो वो खुबसूरत नहीं होगा. ऐसी ही सोच है हमारे समाज की. सांवले लोगों को हम ज्यादा अहमियत नहीं देते जितनी गोरे रंग वालों को देते हैं. वैसे ही जब हम भगवान् की मूर्ति या उनके चित्र बनाते हैं तो उन्हें भी गोरा रंग ही दिया जाता है. तो क्या भगवान् कभी सांवले नहीं हो सकते.
इसी को देखते हुए चेन्नई के के दो आर्टिस्ट ने देवी देवताओं की स्किन को सांवला बनाया गया है. चेन्नई के प्रोडक्शन हाउस स्लिंगशॉट क्रिएशन्स के को-फाउंडर भारद्वाज सुंदर के दिमाग में ऐसा ही एक आईडिया आया है. इसी को देखते हुए कंपनी के दूसरे को-फाउंडर और फ़ोटोग्राफ़र नरेश निल से इस बारे में बात की और उसके बाद उनके साथ एक फ़ोटो सीरीज़ बनाई.
इस फोटो सीरीज को उन्होंने 'डार्क इज़ डिवाइन' नाम दिया है. आप देख सकते हैं इन्होने देवी देवताओं के सात फोटो लिए हैं जिनको सांवले रंग में ढाला है.
इस पर ये आर्टिस्ट कहते हैं कि, मैं सभी को ये बताना चाहता हूं कि हम नास्तिक नहीं है और न ही हम भगवान का मज़ाक उड़ा रहे हैं. इस फ़ोटो सीरीज़ के ज़रिये हम केवल ये बताना चाहते हैं कि सांवला रंग बहुत सुंदर होता है और ऐसे रंग वालों को शर्मिंदा होने या ख़ुद को किसी से कम आंकने की ज़रूरत नहीं है.'
दरअसल, इस फोटो के माध्यम से दूसरे रंग को भी तवज्जो देना चाहते हैं और ये बताना चाहते हैं कि इसमें कोई बुराई नहीं है.