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किसी कहानी से कम नहीं है नीता-मुकेश का मिलन

love story of nita ambani and mukesh ambani

अम्बानी परिवार को आज कौन नहीं जानता है. जहाँ एक तरफ मुकेश अम्बानी को एक सक्सेस बिजनेसमैन के तौर पर देखा जाता है तो वहीँ नीता अम्बानी भी इस सूची में शामिल है. नीता जहाँ अपनी लक्सरी लाइफ को लेकर जानी जाती है तो वही इन्हें एक अच्छी बिज़नसवुमन भी कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते है इस मशहूर जोड़ी का सफर कब से शुरू हुआ है. नहीं ना, तो चलिए हम आपको बताते है कैसे शुरू हुआ यह सफर...

नीता का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. बचपन से ही इनकी रूचि नृत्य में रही. रूचि के चलते पांच साल की उम्र से ही नीता ने भरतनाट्यम की तरफ अपना रुख किया. युवावस्था में पहुँचने तक नीता को नृत्य का अच्छा ज्ञान हो गया. एक बार नवरात्रि के समय नीता एक कार्यक्रम में परफॉर्म कर रही थी, यहाँ धीरूभाई अम्बानी भी मौजूद थे. वे नीता के नृत्य को देखकर इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने नीता को अपनी बहु बनाने का फैसला कर लिया. इसके बाद उन्होंने आयोजक से नीता का नंबर लिया और नीता को फ़ोन किया. लेकिन नीता ने भी यह समझकर फ़ोन कट कर दिया कि जरूर गलत नंबर होगा.

धीरूभाई ने भी दोबारा कॉल किया और बताया कि "मैं धीरूभाई अम्बानी बात कर रहा हूँ." इसका रोचक जवाब देते हुए नीता ने भी कहा कि "आप अगर धीरूभाई अम्बानी हैं, तो मैं एलिज़ाबेथ टेलर बात कर रही हूँ" जब नीता ने यह बात अपने पिता को बताई तो उन्होंने नीता को अच्छे से बात करने को कहा. इसके बाद नीता ने धीरूभाई से अच्छे से बात की और धीरूभाई ने नीता को ऑफिस में आने का निमंत्रण भी दिया. नीता को इस बारे में आश्चर्य जरूर हुआ लेकिन वे फिर भी धीरूभाई से मिलने उनके ऑफिस जा पहुंची. धीरूभाई ने नीता का स्वागत करते हुए कुछ देर बाद ही उन्हें शादी की बात बता दी. धीरूभाई ने नीता से पूछा "क्या आप मेरे बेटे मुकेश से मिलना चाहेंगी?"

नीता कुछ सोच भी नहीं पा रही थी. तब उन्होंने मुकेश से उनके घर "उषाकिरण" में मिलने के लिए हामी भरी. फिर एक दिन ऐसा आया जब नीता "उषाकिरण" पहुँच गई. दरवाजे पर ही उनकी मुलाकार मुकेश अम्बानी से हुई. इसके बाद जैसे मुलाकातें शुरू हो गई. मुलाकातों में ही ऐसा भी समय आया जब मुकेश अम्बानी दिल ही दिल में नीता को पसंद करने लगे. मुलाकातों के दौर में छठवीं या सातवीं मुलाक़ात के दौरान मुकेश और नीता, साउथ मुम्बई के पेडर-रोड पर ड्राइव कर रहे थे.

रात होने को आई थी. मुकेश ने अपनी गाड़ी एक ट्रैफिक सिग्नल के बीच रोकी और एकटुक नीता से सवाल किया, "क्या तुम मुझसे शादी करोगी?" नीता ने भी देर नहीं की क्योकि वे भी मुकेश को पसंद करने लग गई थी. उन्होंने धीरे से शरमाते हुए कहा "हाँ, मैं शादी करूंगी" इसके बाद दोनों शादी के पवित्र बंधन में बांध गए. आज भी जब नीता से इस बारे में पूछा जाता है कि उनके जीवन का सबसे अच्छा पल कौनसा है? तो नीता यही कहती है कि मुकेश की अर्धांगिनी बनना उनके सौभाग्य की बात है.

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