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इस गाँव में मंदिर में माँ को चढ़ाया जाता है पशु का पहला दूध

Bihar news Patna Goddess Durga temple in Bihar attracts a cannabis

दुनियाभर में कई मदनीर हैं जो अपने चढ़ावे के लिए जाने जाते हैं. हम आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. जी दरअसल हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं वह मंदिर खगड़िया जिले के धमारा स्टेशन के पास है. जी हाँ, मानसी-सहरसा रेलखंड पर स्थित इस स्टेशन पर बने इस मंदिर में मां दुर्गा के कात्यायिनी स्वरूप की पूजा-अर्चना होती है. आप सभी को बता दें कि यह मंदिर कोसी क्षेत्र का प्रमुख शक्तिपीठ है और ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर मां सती की बाईं भुजा गिरी थी. 

जी हाँ, कहा जाता है उसके बाद इसे शक्तिपीठ के रूप में देखा जाने लगा और मां पार्वती के पिता राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया था. कहते हैं उन्होंने भगवान शिव को इसमें आने का न्योता नहीं दिया और भगवान शिव इससे गुस्से में आ गए और उन्होंने पार्वती को भी इसमें जाने से मना कर दिया लेकिन मां पार्वती नहीं मानी और वह चली गईं. वहीं पार्वती के वहां जाने के बाद उन्हें वहां काफी कुछ सहना पड़ा.

 जी दरअसल वहां मौजूद लोगों ने उन पर कटाक्ष किया, जिससे वे काफी आहत हुईं और इसी बात से दुखी होकर वे हवनकुंड में कूद गईं. कहते हैं यह देखने के बाद भगवान शंकर इससे काफी गुस्से में आ गए और तांडव करने लगे. वहीं वहां रहने वाले लोग बताते हैं कि यहां श्रीपत महाराज नाम का एक पशुपालक मां की रोज पूजा अर्चना किया करता था. इसी कारण पशु का पहला दूध देवी को चढ़ाने की परंपरा है. जी हाँ, केवल इतना ही नहीं बल्कि उनका विश्वास है कि ऐसा करने से दुधारू पशुओं पर कभी कोई आंच नहीं आती है. इसी के साथ कात्यायिनी का रूप होने के कारण यहां दशहरा के समय षष्ठी को विशेष पूजा करते हैं.

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