इन्दौरी तड़का : बड़े अब तो इन्दौरी नानी के यहाँ जाएंगे
इन्दौरी तड़का : हां बड़े अब तो सारे बच्चों की छुट्टियां लग जाएंगी तो सब नानी दादी के घर जाने को तैयार हो रहे होंगे। बड़े सब जगे की बात करो तो सब जगे लोग मनाली, स्विट्जरलैंड, लन्दन, पेरिस घूमने जा रहें होंगे और हमारे इंदौर की बात करो तो यहाँ पे बस घूमने की दो ही जगे है एक नानी का घर और एक दादी का घर और इन दोनों के घर नी जाना है तो घर में ही सड़ो। अगर भिया तुमने मना कर दिया की मेको नानी के घर नी जाना, मेको दादी एक घर नी जाना, तो माँ और पापा बोल देंगे कहीं नी जाना यहीं रहों तुम घर में ही सड़ो तुमको तो बस अपना मोबाइल देदो और घर में बंद कर दो कुछ नी हो सकता तुमसे, तुम्हारे जैसे बच्चो को देखो नानी के यहाँ जाने की पूरी प्लानिंग कर ली है और यहाँ तुम हो की तुम्हारे तो सत्रह नाटक रेते है कित्ता झेलेंगे हम तुमको पूरी ज़िंदगी इसी घर में सड़ते रैना और अपने मोबाइल में घुसे रैना और कोई काम तो आता नी है, ऐसा नी होता की लाओ पढ़ाई कर लू गर्मी की छुट्टियां लग गई है तो बस वहीँ सड़ा मोबाइल।
अब जब बच्चा इतना सून लेगा तो जाहिर सी बात है वो नानी हो या दादी दोनों के घर जाने के लिए हाँ ही कहेगा ना। मतलब इंदौर के पेरेंट्स भी ऐसे है की बच्चो के ले जाए बिना मानते ही नी है और इत्ता सुनाते है के बेचारे बच्चो को झक मारके जाना ही पड़ता है। भिया इंदौर में यहीं सब होता है नानी और दादी के घर से अच्छा गर्मी बिताने का मौका और कहीं नी मिलता इंदौर को छोड़के।