इन्दौरी तड़का : भिया अब ठंड और बढ़ेगी
हाँ बड़े अब ठंड बढ़ेगी और लपक बढ़ेगी। बावा दिसंबर आ गया है और अब लपक के ठंड लगना शुरू हो जाएगी जब देखो तब ठंड लगेगी फिर वो दोपर हो या सूबे। बड़े अब मजा आएगा। पेले ये बताओ की इस ठंड को इत्ता पड़ने को बोला किन्ने। मतलब हद होती है बावा ना इसका कोई पेपर है, ना इसको कोई पढ़ा रा है, ना इसको किसी से लेना देना है लेकिन फिर बी ये पड़े जा री है, पड़े जा री है मतलब बावा हद कर री है ये बी। कसम से इत्ती ठंड कां पे पड़ती है जो इंदौर में ही लगे जा री है। बड़े इंदौर के हाल ऐसे हो गए है की लोग अभी से तीन तीन स्वेटर कंबल लाद लाद के सो रिए है कोई कोई तो मतलब मान ही नी रिया है अभी से ही तपता बारना बी शुरू कर मारा है। बावा अद्धे लोग तो ऐसे है जिनको अब बी गर्मी मरी जा री है वो अब बी गर्मी में तपे जा रिए है मतलब कई बी हो ना स्वेटर पेरेंगे, ना कंबल ना कुछ बस चल पड़ेंगे मुंडी हिलाते हुए।
और कुछ तो ऐसे ऐबले है की अब ठंड में बी उनको AC चिए रेता है पंखा चिए रता है। मेरेको तो ये सम्पट नी पड़ता है की ऐसे लोग आते कां से है इनको क्या अलग से आर्डर देके बनवाया जाता है, या ये ऊपर से फेंके जाते है .बावा भोत बुरी ठंड है यां पे रजाई से निकलना मुश्किल है और कुछ लोगो को पंखा चिए।
इन्दौरी तड़का : बड़े ठंड में ही होती है सच्चे दोस्त और गर्लफ्रेंड की पेचान
इन्दौरी तड़का : बड़े अब सूबे सूबे नहाने का कोई नी केगा
इन्दौरी तड़का : बड़े पद्मावती को लेके इंदौरी की पुकार