इन्दौरी तड़का : बड़े फिर से दिमाग खराब करने ये सोमवार आ गया
हाँ बावा दिमाग का दही करने के लिए हर बार साला मंडे आ जाता है। मतलब पता नी क्या चाता है ये मंडे। साला हर बार का दिमाग खराब करके रख देता है। बड़े कसम से क्या पता क्यों आ जाता है ये मंडे। बड़े कसम से रविवार के बाद ये मरा सोमवार तो आना ही नी किए ये अलग दिमाग की बारा बजा के रख देता है ना जाने क्या चाता है ये सोमवार। बड़े ये सोमवार को ऑफिस, स्कूल जाने में किसको मजा आता है। बड़े सोमवार से सारे दुनियावालों को नफरत ही रेती है क्योंकि संडे अपना फैन डे हो जाता है लेकिन मंडे अपनी जान देने का दिन हो जाता है। कसम से क्या पता कायको आता है ये मंडे।
भिया मेरेको तो वैसे बी मंडे से सबसे ज्यादा नफरत है क्योंकि इस दिन मेरेको जबरजस्ती उठके ऑफिस आना पड़ता है और ना चाते हुए बी काण्ड करना पड़ता है, अरे वोई मेरा मतलब है कि काम। भिया ऐसा है ना की वो सोमवार को मेरी बी जुबान फिसल फिसल जाती है। क्या करों सोमवार पसंद ही नी है। बड़े सोमवार का दिन हर एक के लिए भेंकर वाला झंड होता है। कसम से ये दिन सबकी माँ भेन करके ही जाता है। बड़े कसम से कोई नी चाता की मंडे आए और इंदौर वाले तो ये बिलकुल बी नई चाते क्योंकि वो तो होते ही महाआलसी है।