Trending Topics

नवरात्र के पांचवे दिन होता है माँ स्कंदमाता का पूजन, जानिए कहानी

navratri 5th day Skandamata pooja navratri 2019

नवरात्रि के पांचवे दिन नवदुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता का पूजन करते हैं और उनका पूजन बहुत विधि विधान से किया जाता है. ऐसे में माँ स्कंदमाता कार्तिकेय (स्कन्द) की माता होने के कारण स्कंदमाता कहलाती हैं. ऐसे में यह माता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं, अतः इनको पद्मासना देवी भी कहा जाता है. इसी के साथ इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुए हैं और इनकी पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं कर ली जाती है. ऐसे में इस नवरात्रि में मां के पांचवे स्वरूप की उपासना 3 अक्टूबर को की जाने वाली है और आज हम आपको बताने जा रहे हैं कौन है स्कंदमाता और कैसे करें इनका पूजन. 

कौन हैं स्कंदमाता-

आपको बता दें कि स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता ने अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ है. इसी के साथ उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है, जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं तथा एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है. इसी के साथ इनका वाहन सिंह है.

स्कंदमाता की पूजा -

माता के पूजन के लिए पूजा में पीले फूल अर्पित करें तथा पीली चीज़ों का भोग लगाएं और पीले वस्त्र धारण करें. इसी के साथ पीले वस्त्र धारण करके मां के सामने बैठें और इसके बाद "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः" का जाप करें.  ध्यान रहे मां से बृहस्पति ग्रह को मजबूत करती है इस कारण उनसे यह करने की प्रार्थना करें.  कहा जाता है माँ का पूजन पीले वस्त्र पहनकर करने से वह बहुत खुश होती हैं और मनचाहा वरदान देती हैं.

नवरात्र के पहले दिन होता है माँ शैलपुत्री का पूजन, जानिए जन्म की कहानी

 

नवरात्र के दूसरे दिन जरूर जानिए माँ ब्रह्मचारिणी के जन्म की कहानी

 

नवरात्र के तीसरे दिन जरूर जानिए माँ चंद्रघंटा के जन्म की कहानी

 

1