इस मंदिर में भगवान शिव की पीठ पर विराजमान है मेंढक
हमारे देश में कई सारे धर्मो के लोग रहते है जिनके अलग-अलग रीति-रिवाज और मान्यताए होती है. सभी लोग अपने-अपने ढंग से भगवान की पूजा करते है. खास बात तो ये है कि भारत में भगवान के साथ-साथ जानवरो की पूजा की जाती है. साथ ही पुरे विधि-विधान के साथ ही जानवरो की पूजा की जाती है. आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे है जहां भगवान के साथ-साथ मेंढक की भी पूजा होती है. ये मंदिर उत्तरप्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले के ओयल कस्बें में स्थित है.
सुनने में आया है कि ये मंदिर 200 साल पुराना है. इस मंदिर में भगवान शिव की पीठ पर मेंढक विराजमान है. इस मंदिर की एक और खास बात ये है कि यहाँ नर्मदेश्वर महादेव की शिवलिंग है जो थोड़े-थोड़े समय में अपना रंग बदलता है.
यहाँ नंदी भगवान की खड़े हुए मूर्ति है ऐसी मूर्ति जो आपको पुरे देश में कई और नहीं मिलेगी. इस मंदिर का निर्माण खासतौर से सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए करवाया गया था.
ये भारत के एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव की पीठ पर मेंढक बैठा है. ये मंदिर सिर्फ यूपी नहीं बल्कि पुरे विश्वभर में प्रसिद्द है.
यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु आते है और भगवान शिव के साथ-साथ मेंढक की भी पूजा करते है.
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