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मोबाइल के ज़माने में वो पिंकी और चाचा चौधरी कही खो गए है

The unforgettable era of comics will never be understand by smartphone generation

आप सभी ने भी अपने बचपन में बहुत मस्ती की होगी, नटखट शरारते की होंगी, मम्मी की सताया होगा, और जब टाइमपास नहीं हो रहा हो तो घर में खूब सारी कहानियो की किताबे पढ़ी होंगी. हमारे दादा-दादी भी हमें बचपन में अच्छी बातें सिखाते है और बुरी आदतों से दूर करने में मदद करते है. यदि किसी बच्चे ने बचपन में अपने घर के बुजुर्गो से दादी की कहानियां या नानी के किस्से-कहानियां नहीं सुनी तो शायद उसने अपने बचपन का सबसे अच्छा पल खो दिया. बचपन में हम सभी ने खूब सारी कॉमिक्स खरीदकर जरूर पड़ी है.

हम सभी ने परियो की कहानिया, दादी की कहानिया और भी कई भूतो की कहानिया किताबो में पढ़कर खूब मजे लिए है. लेकिन शायद आज के समय में बच्चो को अपना बचपना गुजरना भी नहीं आता है. कॉमिक्स के उस दौर को हम आज तक नहीं भुला पाए है लेकिन आज के ज़माने के बच्चो के हाथो से तो मोबाइल फ़ोन ही नहीं छूटता है. लेकिन इंटरनेट के इस दौर में सभी कॉमिक्स और कहानियो को खत्म कर दिया है. चाचा चौधरी, बेटमैन, सुपरमैन, गोपीचंद, बांकेलाल जैसी कई कहानियो में ही हमारा बचपना गुजरा है. लेकिन आज हम आपको बचपन में पढ़ी उन सभी कॉमिक्स की याद दिलाने आये है.

 

चाचा चौधरी 

सुपर कमांडो ध्रुव

पिंकी

साबू

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