क्यों की जाती है धनतेरस पर धनवंतरी की पूजा
दिवाली को पांच दिनों का त्यौहार कहा जाता है और इसे पांच दिनों तक मनाया जाता है इसकी शुरुवात धनतेरस से की जाती है धनतेरस के दिन लोग अपने घर में धन की पूजा करते है या कुछ सोने का सामान खरीदते, या बर्तन भी खरीदते है। धनतेरस के त्यौहार को सुख सम्रद्धि का त्यौहार माना जाता है। क्योंकि यह बहुत ही ख़ास पर्व होता है लोग इस दिन अपने और अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ की प्राथना करते है।
यह पूजा इसीलिए की जाती है क्योंकि पुरानी कथाओ में बताया गया है की जब राक्षसों और देवताओ के बीच समुद्र मंथन हुआ था तब इस मंथन के दौरान समुद्र में से 14 रत्न निकले थे जिसमे से एक रत्न अमृत का था, और उसी अमृत के रत्न को राक्षसों से बचाने के लिए और साथ ही देवताओ को अमर करने के लिए भगवान विष्णु जी धनवंतरी का रूप धारण कर कलश में से बाहर अमृत लेकर निकले थे। बस यहीं कारन है की धनवंतरी की पूजा करने से माँ लक्ष्मी जी खुश होती है।
इसके आलावा इस दिन चांदी की कोई भी चीज़ खरीदना शुभ माना जाता है। चांदी को चन्दा का प्रतीक माना जाता है और साथ ही चन्दा को शीतलता का प्रतीक मानते है बस इसीलिए इस दिन चांदी खरीदना शुभ होता है।