इन्दौरी तड़का : क्यों बे ! तूने तो पूरा रट्टा मार लिया होगा ना
हाँ तो भिया, सुबह की राम राम ! उम्मीद है सब सई साट ही होयेगा और होना भी चिये। अब क्या हैं न भिया मार्च आ गया है और स्टूडेंट्स की बात करें तो आज नी तो कल से उनकी परीक्षा शुरू हो रही है। बिचारी बच्चों को अलग टेंसन कि क्या आएगा पेपर में क्या नी। ऐसे में सब कुछ पढ़ते हैं भिया ये बच्चे फिर बी उनका तेसं कम नी होता। खूब तबियत से पढ़ते हैं इसका रट्टा मारा, उसका रट्टा मारा। गाइड से ये बी पढ़ लेओ वो बी पढ़ लेओ। इत्ता तो साल भर वो अपने स्कूल के समय में नी पड़ेंगे जित्ता अबी पढ़ लेते हैं। वो क्या कहते हैं न भीया कि सारे प्रोफ़ेसरों की आत्मा जैसे इन्ही में आ के बैठ जाती है। खुद भले पड़े नी पड़े पन ये अपने भई को जरूर पढ़ाएंगे। भई मतलब वोई दोस्त भिया। जो हर समय इनके साथ रेते हैं।
हाँ, तो हम बोल रिये थे कि पढ़ाई ना मतलब इत्ती ज़रूरी है कि इसके बीने तो कुछ हो ही नही सकता है। अब पढ़ लिख के चलो परीक्षा देने पहुंचे तो भिया आपस ये छोरे होन ऐसी ऐसी बात करे हैं कि , है तूने तो पूरा पढ़ लिया होयेगा। हमको थोड़ी बताएगा। एक एक चीज का रट्टा मार पढ़ाई की होएगी, ये बी वो बी। हाँ, तो तुमि बताओ पास होने के लिए पढ़े की नी पढ़े साला। और इत्ते में बी पेट नई भरे उनका तो ये बोल देंगे कि तू पास हुआ तो देख बेटा फिर। मतलब ये क्या बात हुई, क्यों सई है की नई भिया। अब जो भी हो, परीक्षा में पास तो होना ही है। अगर अपन फेल मतलब अपना दोस्त कैसे पास हो सकता है। तो भिया टेंसन टेंसन में येई सब चलता है इन छोरों के दिमाग में। अब कर के सकते हैं।
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