आज है शरद पूर्णिमा, खीर बनाकर रखे छत पर
शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल मनाया जाने वाला पर्व है। इस पर्व को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में माँ लक्ष्मी का पूजन करते हैं और साथ ही कुबेर और चंद्र देव का भी पूजन किया जाता है। वैसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्यों मनाते हैं शरद पूर्णिमा का पर्व।
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शरद पूर्णिमा की कथा
एक बार एक साहूकार था जिसकी दो बेटियां थीं। साहूकार की दोनों बेटियां पूर्णिमा का व्रत करती थीं। जहां एक तरफ बड़ी बेटी ने विधिवत् व्रत को पूरा किया। वहीं, छोटी बेटी ने व्रत को अधूरा छोड़ दिया। इसका प्रभाव यह हुआ कि छोटी लड़की के बच्चों का जन्म होते ही उनकी मृत्यु हो गई। फिर एक बार बड़ी बेटी ने अपनी बहन के बच्चे को स्पर्श किया वो स्पर्श इतना पुण्य था कि उससे बालक जीवित हो गया। बस उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक किया जाने लगा।
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कहते हैं शरद पूर्णिमा के दिन रात के समय खीर बनाकर उसे जालीदार कपडे से ढांककर छत पर रख देना चाहिए। ऐसे करने से उसमे अमृत आता है। जी दरअसल रात में चंद्र देव अमृत की बरसात करते हैं जो खीर में होती है। इस बरसात के होने के बाद सुबह के समय खीर खाना चाहिए। उस खीर को खाने से सभी बीमारियां भाग जाती है। कहते हैं उस कही को खाने से इंसान हमेशा स्वस्थ रहता है।
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