जानिए आखिर क्यों होता है होलिका दहन
होली का त्यौहार सभी के लिए बहुत ख़ास होता है. ऐसे में होली के त्यौहार को सभी बहुत ही उल्लास के साथ मनाते हैं. ऐसे में आप सभी को बता दें कि होलिका दहन 20 मार्च को किया जाना है और इस बार 21 मार्च को होली है . ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों जलाते है होली यानी क्यों किया जाता है होलिका दहन. जी दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
कथा
कथानुसार हिरणकश्यप अपने विष्णु भक्त बेटे प्रहलाद की हत्या करना चाहता था. इसके लिए वो अपनी बहन होलिका की भी सहायता लेते हैं. दरअसल अत्याचारी हिरणकश्यप ने तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वरदान पा लिया था. वरदान में उसने मांगा था कि कोई जीव-जन्तु, देवी-देवता, राक्षस या मनुष्य, रात, दिन, पृथ्वी, आकाश, घर, या बाहर मार न सके. इस वरदान से घमंड में आकर वह चाहता था कि हर कोई उसे ही पूजे. लेकिन उसका बेटा भगवान विष्णु का परम भक्त था.
उसने प्रहलाद को आदेश दिया कि वह किसी और की स्तुति ना करे, लेकिन प्रहलाद नहीं माना. प्रहलाद के ना मानने पर हिरण्यकश्यप ने उसे जान से मारने का प्रण लिया. प्रहलाद को मारने के लिए उसने अनेक उपाय किए लेकिन वह हमेशा बचता रहा. उसके अग्नि से बचने का वरदान प्राप्त बहन होलिका के संग प्रहलाद को आग में जलाना चाहा, लेकिन इस बार भी बुराई पर अच्छाई की जीत हुई और प्रहलाद बच गया. लेकिन उसकी बुआ होलिका जलकर भस्म हो गई. तभी से होली का त्योहार मनाया जाने लगा.
इस मंदिर के शिवलिंग को छूटे ही सुन्न हो जाते हैं भक्तों के हाथ
इस वजह से नंदी के कान में बोलते ही पूरी हो जाती है मन्नत
आखिर क्यों होती है हर मनुष्य की अलग-अलग नाभि/strong>