इस गांव के रिवाज को सुनकर खिसक जाएगी आपके पैरों तले जमीन
आप सभी जानते ही होंगे कि भारत देश को अपने अनोखे रिती-रिवाज के लिए पहचाना जाता है. ऐसे में इनमें से कई तो ऐसे अजीब-अजीब होते हैं जिनपर विश्वास कर पाना पागल कर देने जैसा होता है. जी हाँ, ऐसे में आज हम जिसके बारे में बताने जा रहे हैं वह भी कुछ ऐसा ही है. जी हाँ, आज हम भी आपको एक ऐसे ही अनोखे रिवाज के बारे में बताने जा रहे हैं जो शादी से जुड़ा हैं. आइए बताते हैं.
जी दरअसल, मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में बहुत सी जनजातियां और आदिवासी जातियां रहती है, जो आज भी सदियों से चली आ रहीं प्रथाओं को मानते हुए शादी की रस्में निभाती हैं. ऐसे में यहाँ के लोग आज भी पुराने समय के अनुसार ही रहते हैं. इसी के साथ इस जनजाती में विवाह के दौरान एक ऐसी रस्म निभाई जाती है, जिसे जानकर किसी के होश का ठिकाना नहीं रहता है. जी हाँ, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अंदरूनी क्षेत्रों में रहने वाली गौंड जनजाति के लोग शादी के दौरान एक बहुत ही अनोखी परम्परा का निर्वाह आज भी किया जाता है जिसके बारे में जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे.
जी हाँ, कहा जाता है यहां विवाह तब तक सपन्न नहीं माना जाता जब तक दूल्हा किसी जानवर को मारकर उसका खून ना पी लें. जी हाँ, वहीं जानवर भी कोई ऐसा वैसा नहीं, सिर्फ सूअर. कहते हैं इस रस्म को निभाने के लिए दूल्हा के परिवार वाले बारात के साथ एक जिंदा सूअर भी लाते है और जब विवाह की सभी रस्मे, फेरे आदि हो जाते है तो दुल्हे साथ लाए हुए सूअर को मारकर सूअर के पैर से खून पीना होता है. यहाँ पर इस रस्म के बिना विवाह अधूरा होता है इस कारण यह करना जरुरी मानते हैं.
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