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2 मार्च को है होलाष्टक, जानिए क्या है इसकी कहानी

Holashtak 2020 Know Historical story

आप सभी को बता दें कि हर साल होलाष्टक आता है और इस साल भी यह कल से यानी 2 मार्च से शुरू हो रहा है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसकी ऐसी कथा जो प्रचलित है. आइए जानते हैं कैसे हुई थी होलाष्टक की शुरुआत.
 

कथा

कहा जाता है हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थीं कि उनका विवाह भगवान भोलेनाथ से हो जाए परंतु शिवजी अपनी तपस्या में लीन थे। उस समय कामदेव पार्वती की सहायता के लिए को आए। उन्होंने प्रेम बाण चलाया और भगवान शिव की तपस्या भंग हो गई। शिवजी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी। कहते हैं कामदेव का शरीर उनके क्रोध की ज्वाला में भस्म हो गया। फिर शिवजी ने पार्वती को देखा। वहीं पार्वती की आराधना सफल हुई और शिव जी ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

इसीलिए पुराने समय से होली की आग में वासनात्मक आकर्षण को प्रतीकत्मक रूप से जला कर अपने सच्चे प्रेम का विजय उत्सव मनाया जाता है। जी हाँ, वहीं जिस दिन भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था वह दिन फाल्गुन शुक्ल अष्टमी थी। तभी से होलाष्टक की प्रथा आरंभ हुई। इस कारण से होलाष्टक मनाते हैं।

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