फटे कुर्ते के सवाल पर जवाब में इन्होने कहा था ऐसे ही समझूंगा गरीबो का दर्द
दुनिया से जाने वाले लोग हमारी यादों से कहा जाते है। जी हाँ आज हम बात कर रहें है भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहें लाल बहादुर शास्त्री की। जी आज ही के दिन इस वीर महापुरुष का जन्म उत्तर प्रदेश के रामनगर में हुआ था।
लाल बहादुर शास्त्री केवल प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि रेलमंत्री भी रहें है। इनका कहना था "कि ये सभी के दुःख दर्द को समझते है"।
एक बार जब वे काशी गए थे तो उन्होंने जो कुर्ता पहना था वो फटा हुआ था और उस कुर्ते के लिए उन्हें किसी ने टोक दिया था जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि ऐसे रहूँगा तभी तो गरीबो का दुःख समझूंगा।
लाल बहादुर काफी ईमानदार थे उन्होंने कभी भी सरकारी गाडी का या किसी भी सरकारी सामन का उपयोग निजी काम के लिए नहीं किया और अगर किया तो उसका खर्च सरकारी अकाउंट में जमा किया।
आप सभी को पता हो की वे सभी को यह कहते थे की हफ्ते में एक दिन उपवास रखो जिससे देश की भुखमरी खत्म हो।