इन्दौरी तड़का : बड़े सबकी जिंदगी में वाट लगी रेती है यहाँ पे
Indori Tadka : यहाँ के लोगो से आप एक बार पूछो क्या चल रिया है ज़िंदगी में, लोगो के जवाब ऐसे ऐसे रेते है की सुन सुन के ही कान फट जाए। कोई केता है कुछ हो तो चले ना सब ढीला ही पड़ा है, कोई केता है बड़े वाट लगी पड़ी है वो बी ऐसी की तेको बता ही नी सकते अपन , कोई केता है भिया एक छोरी सेट करवा दो अच्छी हो ही जाएगी, कोई केता है झंड हो गई है वो बी ऐसी की क्या बतऊ। भिया ऐसी है ना ज़िंदगी की हर जगह से छेद हुए पड़े है सब जगे पे वाट लगी है कुछ बचा ही ना है। घर से निकलो तबी से वाट लगना शुरू हो जाती है। सबसे पेले ट्राफिक में फंसो 10-5 मिनिट बी नी कम से कम आधे से एक घंटे। उसके बाद वहां से अग्गे बढ़ो तो ऑफिस में मगजमारी, दिनभर वहीँ पे मगजमारी कर लो, उसके बाद वहां से निकलो तो रस्ते में मगजमारी हो जाती है एक दो से।
मतलब सारा दिन मगजमारी करवा लो या बारा बजवा लो। बड़े यहाँ पे यई हाल है सबकी ज़िंदगी की वाट लगी पड़ी है। घर में रेने वाली आंटियों की बी वो बी दिनभर घर में रे रे के बोर हो जाती है उनसे बी अगर पूछो की ज़िंदगी बढ़िया है तो वो बी एक ही जवाब देती है कोई अच्छी नी है सब बुरा ही बुरा है, सारी ज़िंदगी झंड हो रखी है बच्चो से पूछो तो उनकी पढ़ाई ने ज़िंदगी बर्बाद कर रखी है। मतलब सभी को ना चैन है ना आराम सबकी लगी पड़ी है।
इन्दौरी तड़का : अब बच्चो को फिर से स्कूल की मगजमारी झेलनी पड़ेगी यार