इन्दौरी तड़का :भिया आज तो बस आराम ही आराम है
बड़े आज तो संडे है मतलब की फन डे। आज लोग मजे से चैन की नींद निकाल रे होंगे कोई बिस्तर पे पड़ा होगा तो कोई सूबे से घूमने निकल गया होगा। बड़े संडे सबकी ज़िंदगी में सबसे बड़ा ख़ुशी का दिन होता है यई वो दिन होता है जब लोग मजे से अपना एन्जॉयमेंट करते है और मजे से सोते है, घूमते है, मस्ती मारते है। बड़े एक संडे ही तो है जो अपना दिन केलाता है बाकी दिन तो वैसे बी भोत मुश्किल से कटते है। हर दिन मशक्कत के बाद जाके संडे मिलता है जिस दिन बी कबि कबि आराम करने को नी मिलता है। कोई कोई के यहाँ तो संडे को बी मरने के लिए ऑफिस जाना रेता है बेचारे उनकी हालत तो इत्ती खराब रेती है की क्या बोलो।
बड़े जिनकी जिंदगी में शुरू से संडे को छुट्टी मिली हो उनकी ज़िंदगी में ऑफिस आने के बाद छुट्टी नी मिलती है। बावा कसम से सबसे बुरा तो उन्ही के साथ होता है जिनको संडे को बी ऑफ नी मिलता है। बड़े ऐसे लोगो की तो ज़िंदगी बर्बाद है कसम से। भिया कसम से संडे कई लोगो के लिए फैन डे है तो कई के लिए वोई रोज की मगजमारी। संडे तो बीच पे सोने का दिन है मजे से घूमने का दिन है, नहाने का दिन है, मटरगस्ती करने का दिन है पन फिर बी कई लोग ऑफिस में मरने को चले ही जाते है। भिया कुछ लोगो के लिए ही संडे मजा है बाकी लोगो के लिए तो सजा है।
इन्दौरी तड़का : बड़े मात्र 42 घंटे में बनके तैयार हो गया था अपना इंदौर
इन्दौरी तड़का : बड़े यहाँ तो गरबे के नाम पे इंदौर के छोरा छोरी अलग ही रास रचाते है
इन्दौरी तड़का : भिया अब तो 23 सितम्बर बी गया ये दुनिया खत्म क्यों नी हो री है