इन्दौरी तड़का : अब तो भिया सब कुछ बस ठंडा होना
इन्दौरी तड़का : हाँ बड़े अबी तो हर चीज़ में बस ठंडा होना। क्यूंकि गर्मी ही इत्ती पड़ री है की हर चीज़ ठंडी ही पसंद आएगी। हम सिर्फ हमारी ही नी सबकी बात कर रे है, सबको अभी बस ठंडा खाने का मन होगा। बड़े इत्ती लपक के गर्मी पड़ री है की घर से निकलने का बी मन नी करता। बस ऐसा लगता है की घर में रहो और सोए रहो कहीं ना जाओ। बाहर तो ऐसे लाले पड़ रिए है की बस निकल जाओ ऐसा लगता है साला जला कर ये धुप राख कर देगी। घोर संकट में डाल दिया है भगवान सूर्य ने साला घर से एक कदम बी बाहर को नी निकालने देते है ऐसा लगता है जैसे यहीं इंदौर के डॉन हो। इनका इत्ता डर और खौफ है की इंसान घर से बाहर एक कदम निकालने को तैयार नी है। भिया बस घर में बैठकर रसना पियो या फिर लस्सी यहां मन होता है इसके आलावा अगर बाहर जा रिए हो तो बर्फ का गोला होना या फिर गन्ने का जूस इसके बिना तो हम इन्दोरियों की कटती ही नी है।
बर्फ का गोला तो गर्मियों में हम सबी की जान रेता है कुछ ना खिलाओ बस एक बर्फ का गोला खिला दो मजा आ जाएगा। कसम से जित्ता टेस्टी वो लगता है उत्ता तो कुछ बी नी है। बड़े मुँह में पानी आ गया हम जरा खा के आते है बाकी आप बी जाओ गर्मी के मजे किए तो एक बार बर्फ का गोला जरूर खाओ।
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