पातळ लोक में है भोलेनाथ की ये रहस्यमयी गुफा, शेष नाग की हड्डियों पर है टिकी
आज हम आपको एक रहस्यमई शिव मंदिर के बारे में बता रहे है. इस मंदिर को चमत्कारी भी माना जाता है. इस मंदिर में आकर हर व्यक्ति इस रहस्य में घिर जाता है. आज हम आपको बता रहे इस मंदिर के बारे में-
ये मंदिर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले के गंगोलीहाट कस्बे के पास है. यहाँ एक पाताल भुवनेश्वर नाम की गुफा है. इस गुफा के बाहर एक दरवाजा है और इस दरवाजे के पीछे की दुनिया रहस्यमई है. कहते है इस गुफा के 90 फीट नीचे भगवान शिव की मूर्ति है.
सुनने में आया है कि त्रेता युग में राजा रितुपर्ण ने इस गुफा की खोज की थी. इनके बाद 822 ईसवीं में जगद्गुरु शंकराचार्य ने भी इस गुफा को खोजा था. कहते है ये गुफा शेष नाग के हड्डियों पर टिकी हुई है.
यहाँ की दीवारों पर कई आकृतियाँ बनी है और यहाँ पैरो के निशान भी है. ऐसा कहा जाता है कि जब भोलेनाथ का ने गणेश जी का सिर काटा था तब उन्होंने यही पैर रखा था. साथ ही भगवान शिव की जटाए उनके कमण्डल, खाल सब कुछ यहाँ नजर आता है.
इस गुफा तक लोग बहुत ही मुश्किल से बहुत पाते है और बहुत कम ऐसे लोग है जो इसके अंदर तक दर्शन करके आये हो.
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इस मंदिर में बिना सिर की मूर्तियों को पूजा जाता है