दुनिया में दोस्ती पर कई मिसालें दी जाती हैं. क्योंकि दोस्ती ही एक रिश्ता है जिसे इंसान पूरी शिद्दत के साथ निभाता है. अगर दोस्ती पक्की हो तो शरीर कितना भी बदल जाए लेकिन दोस्ती कभी नहीं बदलती. दोस्त भले काला रहे या गोरा जैसा भी रहे, लेकिन दोस्त का मन काला नहीं होना चाहिए. कहते हैं कि ढूंढने से तो खुदा भी मिल जाता है, ठीक वैसे ही अगर सच्चे दोस्त दुनिया में किसी भी रूप में आ जाये, कहीं न कहीं वो मिल ही जाते हैं. एक-दूसरे के जानी दुश्मन समझे जाने वाले बेजुबान जानवरों की दोस्ती शायद इसी बात का सबूत है.