लॉजिक! आखिर क्यों टॉयलेट फ्लश में होते हैं दो बटन?
टॉयलेट तो आप सभी जाते ही होंगे. वैसे इस जगह को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए दुनियाभर में जितने भी बदलाव हुए हैं, उसमें फ्लश (Flush) भी शामिल है. आप सभी जानते ही होंगे फ्लश का इस्तेमाल पानी को रिलीज करने में किया जाता है. जी हाँ लेकिन अगर आप आधुनिक टॉयलेट (Modern Toilet) के फ्लश को देखेंगे तो आप पाएंगे इसमें दो बटन मौजूद होते हैं. जी दरअसल इसे डुअल फ्लश टॉयलेट (Dual Flush Toilets) कहा जाता है. ऐसे में अब सामने सवाल यह आता है कि इसमें दो बटन क्यों दिए जाते हैं? आइए बताते हैं.
जी दरअसल सबसे पहले हम समझते हैं इसकी बनावट को. जी दरअसल फ्लश के ऊपरी हिस्से में दो बटन होते हैं. इसमें एक बटन छोटा होता है और एक बड़ा होता है. जी हाँ और ये दोनों ही बटन फ्लस के वॉल्स से कनेक्ट होते हैं, लेकिन लोग टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद पानी को रिलीज करने के लिए बड़े बटन को दबाते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसके छोटे बटन को इस्तेमाल करने की वजह नहीं मालूम होती.
अब हम जानते हैं कि दो बटन आखिर क्यों लगे होते हैं. जी दरअसल तकनीकी तौर पर फ्लश का बड़ा बटन मल को बहाने के लिए लगाया गया है क्योंकि यह एक बार में करीब 6 से 9 लीटर पानी रिलीज करता है. वहीं, छोटा बटन इसलिए लगाया गया है कि ताकि टॉयलेट में पहले से मौजूद लिक्विड को हटाया जा सके. जी हाँ और छोटा बटन करीब 3 से 4 लीटर पानी रिलीज करता है.
आपको बता दें कि फ्लश में दो बटन लगाने की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि पानी की बचत की जा सके. जी हाँ इसको लगाने का केवल एक ही लक्ष्य था जो यह था कि इंसान अपनी जरूरत के मुताबिक दोनों में से किसी एक बटन का इस्तेमाल करेगा. इसका मतलब है यूरिन रिलीज करने की स्थिति में छोटे बटन का इस्तेमाल किया जाएगा, हालाँकि पूरी तरह ऐसा हुआ नहीं. आज भी अधिक से अधिक लोग इसका बारे में जानकारी नहीं रखते हैं और इस वजह से वो बड़े बटन का ही इस्तेमाल करते हैं. आपको बता दें कि टॉयलेट में डुअल फ्लश को लगाने का आइडिया दरअसल अमेरिका के इंडस्ट्रियल डिजाइनर डिजाइनर विक्टर पेपानेक का था. जी दरअसल साल 1976 में आई उनकी किताब ‘डिजाइन फॉर द रियल वर्ल्ड’ में इसका जिक्र था, हालांकि दुनिया में पहली बार डुअल फ्लश को ऑस्ट्रेलिया में 1980 में बनाया गया था.
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