इंदौरी तड़का : यार भिया यार तुम अलग नी मान रिए हो, बोला ना तुमसे नी हो पाएगा
ढंग से खा ना भई कायकू लजवा रिया है पार्टी में अपन की बी इज्जत है।
जादा चपड़ चपड़ मत कर हैं ना नई तो मेरा भई पेलवान है एक देगा ना तो तू दस बार गिर गिर के रोएगा।
भिया वो शर्मा जी की छोरी मेरे पीछे हाथ धो के पड़ी है। भिया : ऐं सच्ची।
अबे उसपर लेन मत मार तेरी भाभी है वो और मेरा दाव ।