इंदौरी तड़का : यार भिया यार तुम अलग नी मान रिए हो, बोला ना तुमसे नी हो पाएगा
ए बारीक चल साइड ले जादा बोला ना तो तेरी बारा की ढेर कर दूंगा।
अपन को समझ नी आता की जब लोगो को मालम होता है की उनसे नी हो पाएगा फिर भी लगे रेते है।
अबे गेलिया ढंग से करेगा तो तेरे से भी हो जाएगा।
अबे आज एक जीन्स देख के आया हूँ भई क्या सई साठ लग री थी यार भिया।