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इन्दौरी तड़का : बड़े अभी तो यहाँ पे बस मैच के टिकिट के लिए मगजमारी होरी है

indori tadka : indori people fight for match ticket

बड़े बात तो सई है ना यहाँ पे आज कल टिकिट ही मारामारी हो री है. साला जिसे देखो वो टिकिट टिकिट कर रिया है. कोई ब्लैक में खरीद रिया  है तो कोई 4 - 5 हज़ार देके खरीद रिया है. भिया इत्ता पैसा लगाने का क्या फायदा इससे अच्छा तो घर पे ही देख लो कहाँ बाहर जाना, ऊपर से इत्ती धुप. बड़े मेरी मानो इत्ती मगजमारी करने का कोई फायदा ना है घर पे रो और हवा खाओ, रसना पीओ और मैच देखो. लेकिन अपनी बात कौन सुनता है लोगो को तो ब्लैक में टिकिट खरीदके जाना ही है. पता नी कायका मजा आता है इनको. जो ब्लैक में टिकिट बेचते है उनके तो वारे न्यारे हो जाते है उनको तो लपलक के पैसा एठने को मिल रिया है. मेरेको बताओ की आखिर इत्ती बी मैच के लिए क्या दीवानगी की तुम धुप में अपने शरीर को जला के काला कोयला बना दो. अब हंसो ना भिया अपन तो जो बोलते है सई ही बोलते है. 

नाप टोल के बोलने की कोई आदत ना है. बड़े तो आपने बी खरीद ही ली होंगी जमके दो तीन टिकिट है ना, अब हमसे क्या छुपाना हम तो आपके अपने है. बड़े सच में एक तो इत्ती गर्मी है की किसी से चिपक के बैठ बी नी सकते, लेकिन अभी स्टेडियम में देखना लोग चिपक चिपक के बैठेंगे और इनको गर्मी बी नी लगेगी. साला मैच की लत है ही खराब जिसको लग गई समझो वो तो गया. लेकिन बड़े ये इन्दोरियों को मैच की भोत बुरी लत लगी है ऐसी की ये उसके लिए काले हो जाएंगे लेकिन उसे देखके ही मानेंगे. बड़े अपन को तो कोई इंट्रेस्ट नी है अपन तो अपने घर में सुकून की नींद लेते है और मैच देखना हो तो घर में ही देख लेते है. क्यूंकि जीते की टिकिट लेंगे उत्ते में तो अपन की एक नई ड्रेस आ जाएगी. चलो भिया भोत हो गया आज तो संडे है आराम करने दो.

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