इन्दौरी तड़का : इन्दौरी हो और बात पेट में पच जाए हो ही नी सकता बड़े
Indori Tadka : हाओ बड़े ये इन्दोरी है ही सब के सब ऐसे। कोई के पेट में बात नई पचती सब उगलके रख देते है। जरा सा इनको के दो की भिया यार किसी को बताना ना। बस फिर वो बात सबके पास यहीं एक ही डायलॉग के साथ जाती है और सबको पता चल जाता है और सब यई केते नजर आते है बड़े यार कोई को बताना ना !! भिया केते है की लड़कियों के पेट में बात नई पचती है लेकिन यहाँ के तो लड़के बी ऐसे ही होते है यहाँ के छोरों के पेट में बी कोई बात ना पचती है सब बोल देते है और के देते है बड़े कोई को बताना ना। यहां पे सब मामले में छोरे अग्गे है फिर वो बात को पेट में ना पचाने की हो या एक जगे पे खड़े होक पंचायत करने की। ये छोरे बी यहाँ पे पंचायत करते मिल जाएंगे बस एक बार चोराए तरफ निकल जाओ। चोराए पर छोरों के 4 से 5 ग्रुप तो बकतेति करते मिल ही जाने है। भिया बातें तो इनसे पचती है नी और बताना जरुरी रेता ही है तो चोराए पे मिले और बातें शुरू।
छोरियों की पेट की बातें तो मैसेज में निकल जाती है लेकिन छोरों की चोराए पे ही निकलती है। वहीँ पे मिलेंगे सुट्टा मारेंगे और शुरू हो जाएंगे। बड़े भोत बड़े वाले है यहाँ पे सब भले ही वो छोरे हो या फिर छोरियां। आंटियों से तो कबि उम्मीद ही ना रखो की ये बात इधर की उधर नी केंगी ये तो सबसे बड़ी वाली होती है बस अपने पड़ोसी की छोरी को छोरे के साथ देख ले सबको वहीं ढिंढोरा पिट देंगी और ये बात फिर पड़ोसी को छोड़के सारे मोहल्ले वालों को पता चल जाएगी। बड़े सब एक से बढ़कर एक है यहाँ पे कोई कम ना है।