इन्दौरी तड़का : भिया यहाँ पे माँ की हर बात बस मोबाइल पे खत्म होती है
इन्दौरी तड़का : यहाँ पे माँ ऐसी ही होती है बड़े। अगर तुम्हारा सर भी दुखने लगेगा तो तुम्हारी माँ यहीं कहेगी और लगे रहों मोबाइल में। यहाँ पे माँ की हर बात हमारे फ़ोन पे आके ही खत्म होती है। भिया ये इंदौर की जो मम्मियाँ है ना वो ऐसी ही होती है। अगर आप यहाँ पे इंदौर में है तो आपकी मम्मी की हर बात आपके मोबाइल पे आके ही रुकनी है। अगर घर में अपन बोल दें की मम्मी आज मेरी तबीयत थोड़ी खराब हो रहीं है तो आपकी मम्मी का एक ही ताना होगा और दिनभर मोबाइल में लगे रहते हो तो तबीयत तो खराब होगी ही ना। यार बड़े यहाँ पे अगर आपकी मम्मी आपको किचन से कुछ लाने के लिए भेज दें और आपको वो सामन ना मिले तब भी आपकी मम्मी का दोष मोबाइल को ही जाएगा वो कहेंगी की आग लगा दें मोबाइल को फिर दिख जाएगा।
मतलब कोई भी बात हो खत्म तो भिया मोबाइल पे ही आके होनी है। मोबाइल ही है जो सारे फसाद की जड़ है। एक माँ की नजर में अगर उसके बच्चे की ज़िन्दगी में कोई परेशानी है तो उसकी जड़ सिर्फ और सिर्फ बच्चे का मोबाइल है। अगर आपको उल्टी, दस्त जैसी बिमारी भी हो जाए तो उसका दोष सिर्फ और सिर्फ मोबाइल को ही जाएगा। भिया यहाँ की मम्मियों का कुछ नी होना है यहाँ पे जिस दिन आप मोबाइल को त्याग दोगे उस दिन आपकी मम्मी दस किलो जलेबी चढ़ा देगी भगवान को। मोबाइल आपकी कमजोरी है और मम्मियों की नफरत।