इंदौरी तड़का : ओ भिया ! शहर में घुसने से पेले अकड़ अपनी जेब में रख ले, क्योकि यहाँ पे सब ऐबले हैं
इन्दौरी तड़का : और चच्चा राम राम। की हाल बढ़िया सब चकाचक। हाँ तो भिया ये इंदौर कैसी जगे है आज का छोरा मेरे से ऐसा सवाल कर रिया था तो मैंने बी घुमा के के दिया की देख रे ये अपन का इंदौर एक ऐसी जगे है जहाँ पे सब एक नंबर के एबले है. तो यहाँ आओ ना तब अपनी अकड़ अपनी जेब में धर लीयो नी तो ये इंदौरी तुमको धर लेंगे। तो भिया आज हम आपको बताने जा रिए है की इन इंदौरियों की जान कहाँ होती है। अब आप केंगे की नी भिया नी हमको ना बताओ क्योंकि हमको पता है की सबकी जान धड़कन में होती है तो इंदौरियों की भी वहीँ होयेंगी। पन भिया ऐसा नी है आपको शुरू में ही बताया था ना की ये जो इंदौरी है ना ये बोत एबले है इनकी जान धड़कन में नी होती बल्कि कई और ही होती है। जैसे बात कर लो आजकल के ताऊ की तो उनकी जान आपको उनके चिलम फुकने में मिलेंगी, अब क्या करे बिन चिलम तो ये ताऊ झेलम बनके गोते खाते है।
अब थोड़ा सा गाडी को अग्गे बढाते है तो बात आती है आज कल के टपोरियों की जिनकी जान पोहे और जलेबी होती है इन लोगो को पोहे में थोड़ी सेव कम दे दो और फिर देखो ये ऐसा तांडव करेंगे की महाकाल को बी धरती पे आना ही पडेगा। फिर अपन की गाडी थोड़ी और अग्गे बढाओ तो आ जाती है छोरियां और इन छोरियों की जान तो अपने लिपस्टिक, पाउडर, आईलाइनर, और वोई हील्स में होती है अगर इनसे वो छीन लेओगे ना तो ये तुमको छील देंगी। अब गाडी थोड़ी और अग्गे बढाओ तो आ गए ये छोरे इनकी जान तो छोरी होती है जिनके बिन ये रे ही नी सकते दिनभर और रातभर मेरी जान, मेरी शोना, मेरी बच्चो की अम्मा, नी मेरा धनिया, आलू, टमाटर सब सब्जीमंडी इनकी वोई खुल जाती है और अगर इनसे इनकी आइटम छीन लो ना तो ये कुछ नी करते भिया दूसरी पता लेते है। इंदौर की ममियों की जान होती है टीवी सीरियल में घर के काम छूट जाए पन टीवी सीरियल नी छूट पाए। हाँ तो भिया इन इंदौरियों की जान धड़कन में नी बल्कि कई और ही बसी होती है .
इंदौरी तड़का : चच्चा रंजीत भिया अपन को पागल बना रिए है मेरेको तो लगता है प्रभु देवा के भई है वो
इंदौरी तड़का : भिया ये इंदौरी बच्चो की ज़िन्दगी एग्जाम हॉल में मुजरा करती है मुजरा