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एक रात में बनाया गया था शिव का यह मंदिर लेकिन लोग नहीं करते पूजा

Secret of ek hathiya deval uttarakhand

वैसे तो भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं जो दुनिया में स्थित मंदिरों से अलग है और इसी वजह से प्रसिद्ध हैं वहीं इन्हीं मंदिरों में से भगवान शिव का एक मंदिर है हथिया देवाल मंदिर. जी हाँ, इस मंदिर की खासियत ये है कि इसे बनने में मात्र एक रात का समय लगा और इस मंदिर की स्थापत्य कला सबसे अनोखी कही जाती है. आप सभी को बता दें कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के थल में छह किमी दूर बल्तिर गांव में स्थित भगवान शिव के इस मंदिर की एक खासियत और है जिसके बारे में सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है. 

जी हाँ, और वह खासियत है यहां पर शिव की पूजा न होना. जी हाँ, आप सभी को ये जानकर आश्चर्य होगा कि इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा नहीं करते हैं. दरसल इसका कारण ये है कि जिस कारीगर ने इस मंदिर का निर्माण किया उसका एक ही हाथ था और उसने मात्र एक रात में इस मंदिर का निर्माण किया जिसकी वजह से उससे एक बड़ी भूल हो गई.

जी हाँ, कहा जाता है उसने मंदिर में स्थापित शिवलिंग का अरघा वि​परीत दिशा में बना दिया और इसी वजह से शिवलिंग दूषित हो गया. इस बारे में विद्धानों ने माना कि अगर इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की पूजा की जाए तो ये अनिष्ठ को जन्म दे सकता है और आजतक लोग अनि​ष्ठ के डर से आज भी इस मंदिर में पूजा नहीं करते हैं. कहते हैं जो भी इस मंदिर में आता है वह एक रात में बनकर तैयार हुए इस मंदिर की स्थापत्य कला को देखकर दंग रह जाता है और उसे मंदिर को देखकर यकीन नहीं होता है.

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