इस कारण लोग पहनते हैं कछुए की अंगूठी
दुनिया में बहुत से लोग हैं जो कछुए की अंगूठी पहनते हैं लेकिन इसके पीछे के कई कारण है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
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कारण
जी दरअसल शास्त्रों के अनुसार कछुआ जो कि जल में रहता है, यह सकारात्मकता और उन्नति का प्रतीक माना गया है. इसी के साथ कहते हैं कि कछुआ भगवान विष्णु का भी अवतार रहा है और समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार कछुआ समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था और साथ ही देवी लक्ष्मी भी वहीं से आईं थीं. कहा जाता है मेहनत के साथ साथ किस्मत का कनेक्शन भी मन जाता है.
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इस कारण से मेहनत अपने हाथ में है लेकिन भाग्य तो ऊपर वाले के हाथ में है. जी हाँ, अपनी किस्मत को बदलने के एक उपाय में कछुए वाली अंगूठी भी शामिल है जिसे पहनते ही किस्मत बदल सकती है. कहते हैं वास्तु शास्त्र में कछुए को इतना महत्व प्रदान किया जाता है और कछुए को देवी लक्ष्मी के साथ जोड़कर धन बढ़ाने वाला माना गया है. इसी के साथ यह जीव धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का भी प्रतीक है इस कारण इसे पहनना चाहिए. आप सभी को बता दें कि वास्तु शास्त्र के अनुसार कछुए वाली अंगूठी सामान्यत: चांदी से ही बनी हो और अगर आप किसी दूसरी धातु का प्रयोग करना चाहें जैसे कि सोना या कोई अन्य रत्न, तो कछुए के आकार को चांदी में बनवाकर उसके ऊपर सोने का डिजाइन या रत्न को जड़वा सकते हैं. जी हाँ, इसी के साथ यह भी ध्यान रहे कि शुक्रवार के दिन ही इस अंगूठी को खरीदें और घर लाकर लक्ष्मी जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने कुछ देर रख दें. उसके बाद इसे दूध और पानी के मिश्रण से धोएं और अंत में अगरबत्ती कर पहन लें. कहा जाता है ऐसा करने से लाभ ज्यादा होता है.
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