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क्या आप जानते हैं भगवान शिव के सिर पर चन्द्रमा होने का लॉजिक

Why does the Hindu god Shiva have a crescent moon on his forehead

दुनियाभर में कई ऐसी चीज़ें हैं जिनके पीछे कुछ ना कुछ लॉजिक जरूर होता है. ऐसे में भगवान शिव से जुड़े हुए कई प्रसंग मशहूर हैं और उनके पीछे भी कई कहानिया और लॉजिक हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव के मस्तक पर धारण किए गए चंद्रमा से जुड़ा लॉजिक या कहानी. आइए जानते हैं.

शिव पुराण में भी एक प्रसंग का उल्लेख किया गया है और उस प्रसंग के मुताबिक, समुंद्र मंथन के समय विष निकला था जोकि बहुत ही विनाशकारी था. यह विष इतना घातक था कि उससे सृष्टि के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो गया था. इस स्थिति में भगवान शिव आगे आए थे और सृष्टि की रक्षा के लिए विष पान कर लिया था. ऐसा करने से शिव के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया. शिव जी के शरीर का तापमान इतना अधिक हो गया कि उसे सहन कर पाना मुश्किल हो रहा था. इसे देखकर सभी देवाताओं के भीतर चिंता घर कर गई. ऐसे में चंद्रमा ने शिव जी से आग्रह किया कि आप मुझे अपने माथे पर धारण कर लें.

ऐसा करने से मेरी शीतलता पाकर आपके शरीर का तापमान कम हो जाएगा. लेकिन शिव जी ने ऐसा करने से मना कर दिया. वहीं उसके बाद देवताओं ने शिव जी से आग्रह किया कि आप चंद्रमा को अपने माथे पर धारण कर लें. शिव जी ने देवाताओं का यह आग्रह स्वीकार लिया और चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया. उसी समय से शिव अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण किए हुए हैं और लोगों को शीतलता प्रदान कर रहे हैं. कहा यह भी जाता है कि विष की तीव्रता की वजह से चंद्रमा के श्वेत रंग में थोड़ा नीलापन आ गया है. इसीलिए पूर्णिमा की रात में चंद्रमा का रंग थोड़ा नीला दिखने लगता है. इसके साथ ही चंद्रमा शिव जी के मस्तक की शोभा भी बढ़ा रहा है.

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