ईद पर सेंवई ही क्यों खाते हैं? 'सोचने वाली बात है'
कई बातें आती हैं ऐसी दिमाग में जो सोच कर लगता है कि ये तो सोचने वाली बातें है। कुछ बातें रहती है जो पीढ़ियों से चली आ रही है उहे हम बदला नहीं सकते। लेकिन कुछ बातें आज की भी है जिन पर बस सोच ही सकते हैं हम। कभी कभी हम ये भी सोचते हैं कि इसका नाम ऐसा ही क्यों है। बदल कर हम उसे अलग भी तो बोल सकते हैं। लेकिन हर बात के लिए हमे यही सोचने में आता है,अगर हम उसे बदल भी दे तो भी हमारे दिमाग में सवाल यही का यही ही रहेगा। तो अजा भी हम आपके लिए कुछ ऐसी ही बातें लेकर आये हैं जिन पर आप भी सोचने लगेंगे। तो चलिए जानते हैं उन बातो के बारे में।
आदत हो गयी है।
लगता तो ऐसा ही है।
रात में जागना अच्छा लगता है।
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