हम क्या करते है जब हमारी सैलरी समय पर नहीं आती
ऑफिस जाने वाले लोग सिर्फ और सिर्फ सैलरी के लिए ऑफिस जाते है वे अपना पूरा काम कर देते है उसके बाद उन्हें इन्स्ज़ार होता है सैलरी का वो चाहते है की जल्द से जल्द उन्हें सैलरी मिल जाए। ऐसे में हर समय सभी ऑफिस वालो को उस डेट का इंतज़ार होता है जब उन्हें सैलरी मिलती है और ऐसे में अगर थोड़ी भी देरी होती है तो वो उनसे बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं होती है फिर वो तकनीकी कारण हो या कोई और। जब भी सैलरी आने में देरी होती है ऑफिस वर्कर्स को लड़ता है की अब उनके जीने का कोई मतलब नहीं रहा है और वे सदमे में चले जाते है। ऐसे में वे लोग क्या क्या महसूस करते है वो आज हम आपको बताने जा रहें है। आइए देखते है।
दोस्तों के सहारे - आधे ऑफिस वालों के खर्चे तो दोस्तों पर थोप दिए जाते है वे लोग अपने दोस्त से खर्च लेते है।
माँ और पापा से उधार
कुछ लोग जिनकी सैलरी नहीं आती वो माँ और पापा से उधार लेते है ये बोलकर की जब सैलरी आएगी तब वापस दे देंगे।
अनशन पर चले जाते है
आधे लोग ऑफिस में ऐसे होते है जो खुद तो काम नहीं करते है और दूसरों को भी यहीं कहते है कि काम मत करो जब तक सैलरी नहीं आती।
पैदल चलते रहना
कुछ तो इतने सदमे में होते है की हर समय केवल सैलरी एक बारे में सोचते है और ऑफिस आना जाना पैदल शुरू कर देते है।
रिश्तेदारों से बाते
कुछ ऐसे लोग जो खर्च नहीं करना चाहते है अपने आपको रिश्तेदारों में बिजी कर लेते है।