यहाँ आज भी बेहोश पड़े हुए हैं हनुमान, लोग करते हैं पूजा
दुनियाभर में कई रहस्य हैं जो आए दिन उजागर होते रहते हैं और उन्हें सुनकर सभी हैरान रह जाते हैं. ऐसे में कई ऐसे रहस्य भी कई बार सामने आते हैं जो दिमाग को हिलाकर रख देते हैं. ऐसे में आज हम आपको भगवान हनुमान के बारे में बताने जा रहे हैं. जी हाँ, आज हम आपको उनसे जुड़ा एक ऐसा रहस्य बताने जा आरहे हैं जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. आप जानते ही होंगे कि हनुमान जी भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हैं और उन्होंने भगवान राम के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया. ऐसे में आप सभी ने रामायण भी देखी ही होगी या पढ़ी होगी.
वहीं आपको याद हो रामायण के दौरान जब भगवान राम के भाई लक्ष्मण को मेघनाथ का एक धनुष लगा था और वह मूर्छित होकर गिर पड़े थे तब किसी ने कहा था कि लक्ष्मण के प्राण तभी बचेंगे जब उन्हें संजीवनी बूटी दी जाएगी. वहीं उस समय वहां पर मौजूद वानर सेना में केवल हनुमान ही ऐसे व्यक्ति थे जो कि संजीवनी बूटी ला सकते थे तभी हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने चले गए लेकिन पहाड़ पर जाने के बाद हनुमान को ज्ञात नहीं हुआ कि संजीवनी बूटी कौन सी है. ऐसे में हनुमान जी ने पूरा पहाड़ ही अपने हाथ पर उठाकर सीधे श्रीलंका के लिए रवाना हुए. कहा जाता है उस दौरान वह अयोध्या के ऊपर से जा रहे थे तो राम जी के भाई भरत ने उन्हें देखा तो यह लगा कि यह कोई राक्षस है और अयोध्या पर हमला करने वाला है तभी उन्होंने अपनी जन्नत से निकाला और हनुमान जी की तरफ छोड़ दिया.
वहीं उसके बाद कुछ दिन के लिए हनुमान जी शहीद हो गए और जमीन पर गिर पड़े थे. आपको बता दें कि आज उसी स्थान पर हनुमान जी का एक मंदिर बनाया गया है और उस मंदिर में हनुमान जी आज भी बेहोशी की हालत में ही उनकी मूर्ति बनाई गई है जिसकी लोग पूजा करते हैं.
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