एक माँ की आँखों से देखने और हमारी आँखों से देखने में बहुत फर्क होता है
माँ तो माँ होती है और माँ की नजरो से कुछ भी छुप पाना मुश्किल होता है। माँ हमारे सभी दर्द को समझती है और हर सुख दुःख में हमारे साथ होती है। हमारी हार बात को बिना कहें ही समझ जाती है। माँ की नजरो से हम कितना भी खुद को बचा ले वो पकड़ ही लेती है। हमारी गलतियों को भी नजर अंदाज करती है। हमारी मनपसन्द की चीज़ें हमे बना बना कर खिलाती है और भी बहुत कुछ। लेकिन माँ की आँखों और हमारी आँखों से देखने में बहुत फर्क होता है कैसे वो आज हम आपको बताते है। आइए देखते है।
1. जब आप कोकोकोला पीते हो।
आपकी नजरो से।
माँ की नजरो से।
2. जब आप नाख़ून काटते हो।
आपकी आँखों से।
माँ की आँखों से।