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यहाँ होती है चमगादड़ की पूजा

Indian temples where thousands of bats worshiping

आप सभी ने कई गाँवों के अलग अलग रीति रिवाज सुने होंगे और देखे भी होंगे. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे गाँव के बारे में जहाँ चमगादड़ की पूजा होती है. आप पहले तो इस बात से वाकिफ ही होंगे कि कोरोना वायरस के फैलने को लेकर अभी तक स्पष्ट रूप से कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है लेकिन ज्यादातर रिपोर्ट्स का दावा है कि ये महामारी चमगादड़ों से फैली है. जी हाँ, कई रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि सबसे पहले यह वायरस चमगादड़ में आया, चमगादड़ से यह दूसरे जानवरों में और फिर बाद में इंसानों में फैल गया. ऐसे में आज हम जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं वहां चमगादड़ की पूजा की जाती है. जी दरअसल हम बात कर रहे हैं बिहार के एक गाँव की.

जहां पर रहने वाले लोग चमगादड़ को अपना देवता मानकर पूजा करते है. केवल इतना ही नहीं बल्कि यहाँ रहने वाले लोगों का मनना है कि जो भी इनकी पूजा करता है उसको धन को कोई कमी नहीं रहती है. जी हाँ, यह एक मान्यता है जो काफी लम्बे समय से चली आ रही है. यहाँ के गांव के लोगों ने ये भी दावा किया है कि कोरोना वायरस से चमकादड़ों ने ही इस गांव को इस महामारी से बचाया है. वैसे यहाँ के लोग यह भी कहते हैं कि इस गांव की एक कहानी काफी समय से प्रचलित है जो यह है कि मध्यकाल में एक बार वैशाली जिले में महामारी फैली थी उसी के बाद चमगादड़ कहीं से उड़ कर आ गए थे और वह महामारी अपने आप ही खत्म हो गई थी. उसी के बाद से यहाँ चमगादड़ को पूजा जाने लगा.

वैसे यहाँ के लोग यह भी कहते हैं कि इस गांव की एक कहानी काफी समय से प्रचलित है जो यह है कि मध्यकाल में एक बार वैशाली जिले में महामारी फैली थी उसी के बाद चमगादड़ कहीं से उड़ कर आ गए थे और वह महामारी अपने आप ही खत्म हो गई थी. उसी के बाद से यहाँ चमगादड़ को पूजा जाने लगा.

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