इस मंदिर में प्रसाद नहीं खा सकती महिलाएं
वैसे तो भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जिनके बारे में सुनकर आपके होश उड़ सकते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. जी दरअसल हम बात कर रहे हैं निरई माता मंदिर की. जी हाँ, यह मंदिर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है और निरई माता के मंदिर में सिंदूर, सुहाग, श्रृंगार, कुमकुम, गुलाल, बंदन नहीं चढ़ाया जाता बल्कि नारियल और अगरबत्ती से माता को प्रसन्न किया जाता है. आप सभी को बता दें कि वैसे तो मंदिरों में जहां दिन भर देवी-देवताओं की पूजा होती है, तो वहीं निरई माता के मंदिर में केवल 5 घंटे ही यानी सुबह 4 बजे से 9 बजे तक माता के दर्शन किए जा सकते हैं. इसी के साथ अन्य दिनों में यहां आना प्रतिबंधित होता है और जब भी यह मंदिर खुलता है, यहां माता के दर्शन के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं.
आप सभी को बता दें कि निरई माता मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्र के दौरान अपने आप ही ज्योति प्रज्जवलित होती है और यह चमत्कार कैसे होता है, यह आज तक पहेली ही बना हुआ है. आप सभी को बता दें कि ग्रामीणों का कहना है कि यह निरई देवी का ही चमत्कार है कि बिना तेल के ज्योति नौ दिनों तक जलती रहती है.
इसी के साथ निरई माता मंदिर में महिलाओं को प्रवेश और पूजा-पाठ की इजाजत नहीं है और यहां सिर्फ पुरुष ही पूजा-पाठ की रीतियों को निभाते हैं. कहा जाता है महिलाओं के लिए इस मंदिर का प्रसाद खाना भी वर्जित है क्योंकि महिलाएं अगर मंदिर का प्रसाद खा लें तो उनके साथ कुछ न कुछ अनहोनी हो जाती है.
इस मंदिर में होती है व्हेल मछली की पूजा
900 साल पुराना है यह मंदिर, होती है गोबर गणेश की पूजा
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