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मथुरा पर बार-बार आक्रमण करने के बाद भी असुर को छोड़ देते थे कृष्ण

When lord krishna defeated jarasandha 17 times

आप सभी को बता दें कि शास्त्रों में कई ऐसी कहानियां और कथाएं हैं जो आप जानते ही नहीं होंगे. ऐसे में हम उन्ही में से एक कथा आपको बताने जा रहे हैं. आपको बता दें कि यह कथा तब की है जब श्री कृष्ण ने एक ही जगह सभी दुष्टों का नाश करने के लिए कंस के ससुर को बार-बार छोड़ दिया था. आइए जानते हैं.

कथा

कंस की मृत्यु के बाद उसका ससुर जरासन्ध बहुत ही क्रोधित था और उसने कृष्ण व बलराम को मारने के लिए मथुरा पर 17 बार आक्रमण किया. प्रत्येक पराजय के बाद वह अपने विचारों का समर्थंन करने वाले तमाम राजाओं से संपर्क करता और उनसे गठबंधन कर फिर से मथुरा पर हमला करता. उधर, श्री कृष्ण पूरी सेना को मार देते लेकिन जरासन्ध को बार-बार छोड़ देते. यह सब देख श्री बलराम जी बहुत क्रोधित हुए और श्री कृष्ण से कहा, बार-बार जरासन्ध हारने के बाद पृथ्वी के कोनों कोनों से दुष्टों के साथ मिलकर हमपर आक्रमण कर रहा है.

वहीं तुम हो कि पूरी सेना को मार देते हो लेकिन असली खुराफात करने वाले को ही छोड़ दे रहे हो? इस पर हंसते हुए श्री कृष्ण ने बलराम जी को समझाया कि भ्राता श्री, जरासन्ध को बार-बार जान बूझकर इसलिए छोड़ दे रहा हूं कि ये पूरी पृथ्वी से दुष्टों के साथ गठबंधन करता है और मेरे पास लाता है और मैं बहुत ही आसानी से एक ही जगह रहकर धरती के सभी दुष्टों को मार दे रहा हूं. नहीं तो इन दुष्टों को मारने के लिए मुझे पूरी पृथ्वी का चक्कर लगाना पड़ता और बिल में से खोज-खोजकर इनका सर्वनाश करना पड़ता. इधर, दुष्टदलन का मेरा यह कार्य जरासन्ध ने बहुत आसान कर दिया है. जब सभी दुष्टों को मार लूंगा तो सबसे आखिर में इसे भी खत्म कर दूंगा.

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