Video : चीनी मांझे की भेंट चढ़ती मासूम देशवासियों की जान
हर साल 14 या 15 जनवरी को देश भर में धूमधाम से मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस ख़ास पर्व पर लोगो द्वारा दान करने के साथ ही पतंगबाज़ी का भी लुफ्त उठाया जाता है. पतंग को उड़ाने के लिए मांझा सबसे ज़रूरी होता है. लेकिन कई बार पतंगबाज़ी के इस शौक की भेंट मासूम और निर्दोष लोगो की जान चढ़ जाती है. ख़ास कर चीनी मांझे के उपयोग से. चीन से आने वाला ये ख़ास मांझा बाजार में चीनी बरेली के नाम से विख्यात है. इसके इस्तेमाल से ना जाने कितने ही मासूम लोगो को भारी नुकसान पंहुचा है. कई लोगो को अपनी जान भी गंवाना पड़ी है.
साथ ही हर साल हजारो बेबस परिंदे इस चीनी मांझे की डोर में उलझ का दम तोड़ देते है. ये तो वह नुकसान है जो हमने सुने है. इस चीनी डोर की खरीदी का सारा पैसा सीधे चीन के पास पहुचता है. जिसे वह हमारे खिलाफ अपनी सेना को मजबूती प्रदान करने के लिए इस्तेमाल करता है. बेशक हमे अपनी परंपरा के साथ अपने त्योहारो को उल्लासपूर्वक मनाना चाहिए. लेकिन जान और देश का जोखिम लेकर तो बिलकुल नहीं. कई दो पहिया वाहन चालक इन मांझे में उलझ कर अपनी गर्दन कटवा लेते है.
जिस वजह से कई लोगो की मौत भी हो चुकी है. हाल ही में इसी मसले से जुड़ा एक विडियो यूट्यूब पर सामने आया है. जिसमे 4 से 5 साल का एक मासूम बच्चा अपनी गर्दन कट जाने की वजह से चीख-चीख कर रो रहा है. इस बच्चे की गर्दन भी उसी चीनी मांझे से कटी है. जो हमारे शहरो के बाजार में धड़ल्ले से बिक रही है. जिस तरह हमने दिवाली पर चीनी पटाखों और सामग्रियों का बहिष्कार कर के चीन के मुह पर करारा तमाचा मारा था. एक बार फिर कुछ ऐसा ही करने का वक़्त आ गया है.
इस चीनी मांझे का बहिष्कार करे. और सावधानी पूर्वक पतंगबाज़ी का मज़ा ले. क्योंकि सिर्फ बहिष्कार से ही आप सुरक्षित नहीं होंगे. आपको अपने स्तर पर भी कुछ सावधानियां बरतना होंगी. ताकि आप और आपके आसपास के लोग सुरक्षित हो सके. प्रशासन को भी सड़क के आसपास पतंगबाज़ी करने वालो के खिलाफ कार्यवाई करनी चाहिए. ताकि इस तरह के हादसों से वाहन चालको को बचाया जा सके.
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