इस गांव को कहा जाता है सेना के जवानो का गांव
आज हम आपको एक ऐसे गांव की कहानी सुनाने जा रहे है. जिसे सुन कर आप भी गौरान्वित हो जायेंगे. हम जिस गांव की बात कर रहे है. उसे देश के जवानों का गांव कहा जाता है. हरियाणा के हिसार के गांव सौथा में छुट्टी में घर लौटे जवान गांव में ही बच्चो को आर्मी भर्ती के लिए ट्रैन करते है. युवाओ के समर्पण को देख पंचायत भी आगे आयी और गांव में 9 एकड़ जमीन पर ट्रेनिंग के लिए एथलेटिक ट्रैक का निर्माण करवाया गया है. ख़ास बात ये है की इस गांव का कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है.
2007 में गांव के सुरेंद्र उर्फ टीनू का पैरामिलिट्री में चुनाव हो गया था. जैसी ही वह छुट्टी पर आया, गांव के युवा उसे देख कर काफी इंस्पायर हुए. इसके बाद सुरेंद्र ने गांव के दूसरे सैनिक रोहताश, फुलकुमार व संदीप के साथ मिलकर गांव के युवाओ को सेना भर्ती के लिए ट्रैन करना शुरू कर दिया.
इस गांव के कुल 45 लोग सेना में भर्ती हुए है. जिसमे से 22-23 जवान तो हाल ही में सेना में शामिल हुए है. इसके अलावा गांव के पांच लोग पुलिस, छह जेबीटी व चार क्लर्क हैं.