मॉडर्न साइंस को भी मात देती है इन ऋषि मुनियों की बेमिसाल खोज
भारत का इतिहास दुनिया भर में मौजूद देशो में से सबसे पुराना और महत्वपूर्ण है. आज भी भारत की दी हुई ज्ञानवर्धक चीज़ों का इस्तेमाल पूरी दुनिया कर रही है. 'योग' इसका सही उदाहरण है. भारत को कल्चर और सिविलाइज़ेशन की भूमि माना जाता है. भारत ने दुनिया को काफी कुछ दिया है. हमारे देश में पहले ऋषि मुनियो और राजाओ का वर्चस्व था. हमारे इतिहास में कई विख्यात ऋषि मुनि है. जो अपनी नीतियों और विद्या के कहते आज भी लोगो के जेहन में जिन्दा है. इसी विद्या के बल पर इन ऋषि मुनियों ने कई ऐसी चीज़ों को इजात किया था. जो आज की मॉडर्न साइंस से भी कही आगे है.
Acharya Charaka
आचार्य चरका को फादर ऑफ़ मेडिसिन भी कहा जाता है. उन्होंने एक किताब “Charaka Samhita” लिखी थी. जिसमे उन सभी बिमारियों का इलाज बताया गया है. जिन्हे समझने की ताकत मॉडर्न साइंस के पास भी नहीं है. उस समय आचार्य चरका ने ह्यूमन एनाटोमी, एम्ब्र्योलोग्य, फार्माकोलॉजी, ब्लड सर्कुलेशन और डायबिटीज, ट्यूबरक्लोसिस, हार्ट डिजीज की बोइलकुल सटीक थ्योरी दुनिया के सामने रखी थी. वो भी जब दुनिया इसे समझने में पूरी तरह असमर्थ थी.
Acharya Kapil Muni
आचार्य कपिल को 'मैडिटेशन' का जनक माना जाता है. उन्होंने अपनी किताब “Sankhya Darshan” में मैडिटेशन का उल्लेख किया है. उनके अनुसार, हमारा दिमाग ईश्वर से जुड़ा है और प्रकृति ही दुनिया का साधन है.
Patanjali
आज पूरी दुनिया भारत की देन योग से अपने आप को स्वास्थ्य और बेहतर बनाने में लगी है. लेकिन क्या आपको पता है योग की खोज किसने की थी? जी नहीं, बाबा रामदेव ने योग की खोज नहीं की है. दरंसल योग की खोज करने वाले आचार्य पतंजलि है. जिन्हें father of Yoga भी कहा जाता है. योग से आत्मिक सुख और शारीरक लाभ दोनों मिलता है. इसी वजह से आज पूरी दुनिया इसे अपना रही है.
Acharya Aryabhatt
आर्यभट्ट सिर्फ मैथ्स के ग्यानी ही नहीं थे उन्हें स्पेस साईंस की भी गहरी नॉलेज थी . शायद आपको जानकर हैरानी होगी की वह आर्यभट्ट ही थे. जिन्होंने सर्वप्रथम बताया था की हमारी धरती गोल है और वह उसके ऑर्बिट पर परिक्रमा करती है. इसके अलावा उन्होंने शुन्य का अविष्कार भी किया था. जिसके बिना किसी भी खोज को कर पाना असंभव होता.