इन्दौरी तड़का : बड़े भोत लपक के गर्मी पड़ री है यहाँ पे तो
Indori Tadka : हां बड़े जित्ती गर्मी यहाँ पे पड़ री है उत्ती कहीं और तो नी पड़ री होगी। साला गर्मी ने तो इत्ती हलात खराब कर राखी है की घर से निकलने से पेले दस बार तो सोचना पड़ता है की जउ की नी जउ। मतलब बड़े यहाँ के जैसी गर्मी कहीं पे बी नी पड़ती हर जगे बस गर्म गर्म गर्म। इस गर्मी ने तो इंदौरियों की जान ले लेनी है। बड़े इत्ती गर्मी में तो कुछ करने की इच्छा ही नी होती है बस ऐसा मन करता है की हवा के सामने बैठे ही रहूं और कहीं ना जउ। मेरेको तो लगता है ये ज़िंदगी गर्मी में ही खत्म हो जानी है कुछ होना है ही नी। बड़े सच्ची पता नी यहाँ पे लोगो का क्या हो रहा होगा जो चददर वाले घर में रे रहे होंगे। चद्दर वाले घरो में तो इत्ती गर्मी है की बस कभी। यहाँ पे जिनके घर चददर के होते है वो पड़ोसियों से बर्फ मांगके रसना बनाते है।
सही के रे है हम बड़े यहाँ पे पड़ोसियों के तवे पे रोटियां सेकना लोगो को भोत पसंद है। मजे तो उनके है जो छत वाले घर में रेते है मजे से ऐश है उनकी तो। बाकी बड़े गर्मी तो बहोत भन्नाट तरीके से पड़ री है मन तो कर रा है की कश्मीर वाश्मीर घूम अउ और मजे ले अउ। चलो भिया कोई न झेलनी तो है ही भले ही कित्ती बी गर्मी हो। बड़े अब अपने घर में लपक के पानी भर लो और उससे दिन में तीन से चार बार नाहा लो फिर देखो सारा शरीर साला काश्मीर लगेगा, सब मजे में। चलो भिया अब गर्मी के बी मजे ले ही लो।
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