इन्दौरी तड़का : बड़े ये इंदौर में नवरात्री का मतलब है भंडारे में सूतना
Indori Tadka : हाँ बड़े यहाँ पे यहीं है की जैसे ही नवरात्रे शुरू होते है लोगो को भंडारे में सुत्ने की पड़ती है। बस इत्ता पता चल जाए की कहाँ पे हो रिया है भंडारा सूतना शुरू। ये इंदौर के लोगो की आधी ज़िन्दगी तो भंडारे में ही बीत जाएगी। कहीं पे बी भंडार हो ये पोच जाते है खाने। यहाँ के लोगो को खाने की इत्ती पड़ती है की कुछ के नी सकते। भिया नवरात्रि में तो यहाँ की हर गली में भंडारा होता है सब जगह, सारी गालियां, सारे चौराहे हर जगे पे भंडारा। वैसे बडे यहाँ पे भंडारे की तो बात ही निराली है, भंडारे का खाना इत्ता झक्कास बनता है की खाते खाते उंगलियां ही चबा लेओ। बड़े सच में यहाँ के भंडारे में जित्ता मजा आता है ना उत्ता कहीं और नी आता।
बात बस नवरात्रि की ही नी है यहाँ पे हर त्यौहार पे सब लोग भंडारा करने लग जाते है। भंडारा बी ऐसा वैसा नी विशाल भंडारा। हर जगे पे लपक के स्पीकर लगा देते है और जोर जोर से चिल्लाते है भंडारा भंडारा विशाल भंडारा। भिया ये इंदौर जगे ही ऐसी है की यहाँ पे हर चीज़ का लोग खाना खिलाते है। अगर कोई मर गया तो खाना, कोई का बर्थडे है हो तो खाना, कोई त्यौहार है तो खाना, कोई की शादी है तो खाना, मतलब हर चीज़ में बस खाना और खाना। भिया अब कबि आपको बी खाना खाना हो तो आजाओ यहाँ पे क्योंकि इंदौर ऐसी जगे है जहाँ पे हर बात में खाना खिला देते है। फिर आओ कबि इंदौर।
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