इंदौरी तड़का : बड़े ऊपर बी फोग चल रिया है तभी भगवान रोज फुर्री छोड़ रिए है
Indori Tadka : हाँ भिया मेरेको तो ऐसा ही लोचा लग रिया है। ऊपर बी फोग ही चल रिया है तभी तो ऊपर से बी बारिश की थोड़ी थड़ी फुर्री आ री है और फिर बंद हो जा री है। बड़े ऐसा लगता है कबि कबि तो भगवान बी मजे लेने के मूड में आ जाते है और फिर वो लेते है तो लपक के ही ले लेते है। बड़े ये अपने इंदौर में कुछ दिन पेले सई साट तरिके से फोग चल रिया था और अब ऊपर चल रिया है। बड़े ऊपर का फोग लेकिन सम्पट नी पड़ रिया है। क्या लोचा है कोई सम्पट ही नी पड़ रिया है। और यहाँ के मौसम की तो बात ही ना करो ऐसे रोमांटिक हो जाते है भगवान कबि कबि की क्या बतउ बड़े, अब उनको कौन समझाए की निचे सबकी सेटिंग थोड़ी है आपकी तो ऊपर बनी हुई है लेकिन हमारा बी तो थोड़ा ख्याल रखो। भिया ऐसे ऐसे रोमांटिक मौसम बनाते है की मन की बैंड बज जाती है क्या बोलो अब।
ऊपर से बारिश का मौसम तो होता ही रोमांटिक है सभी जानते है सब अपने अपने लवर के साथ निकल जाते और हम जैसे सिंगल लोग घर पे बैठ के पकोड़े खाते है और आने जाने वाले लोगो के मजे लेते है। बड़े ये बारिश का मौसम कसम से ऐसा है की क्या कहो सारे अरमान दिल के इसी में जग जाते है, जो पुरे होने से तो रहें। यहाँ पे ना ढंग से बारिश हो री है ना बंद हो री है और पता नी बारिश को कैसे पता चल जाता है की आज हम कहीं बाहर जाने वाले है ऐसी बरसती है उस दिन तो जैसे इसी को सबसे ज्यादा जाने की पड़ी हो। बड़े सच में ये भोत बुरी बात है की जब कहीं जाना हो तो ये भगवान पेले बरसते है। अब उनको कौन समझाए यार।
इन्दौरी तड़का : भिया सावन चल रिए है, खिचड़ी बटेगी अब तो लपक के
इन्दौरी तड़का : बड़े इंडिया और इंदौर की भाषा में भोत फर्क होता है
इन्दौरी तड़का : बड़े यहाँ के लोगो को शादी में लाड़ा लाड़ी से ना, जीमने से मतलब होवे है