उत्सवों के रंगों में डूबा नवम्बर
नवंबर का महीना ऐसा होता है, जहाँ भारत में अलग-अलग जगह पर तरह-तरह के उत्सवों की धूम मची होती है. साल में एक बार होने वाले इन उत्सव और कार्निवल्स में देश दुनियां से हाजाओं लोगों की भीड़ उमड़ती है. जिससे यहां का दृश्य देखते ही बनता है.
सोनपुर मेला, बिहार
बिहार के सोनपुर में हर साल नवंबर और दिसम्बर में सोनपुर मेला लगता है. यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है. स्थानीय लोग इसे 'छत्तर मेला' के नाम से भी जानते हैं. यहां हाथियों और घोड़ों की भारी मात्रा में खरीदी और बिक्री की जाती है. इस साल 2 नवंबर को आयोजित सोनपुर मेला 3 दिसम्बर तक चला. मेले में नौका- दौड़ , दंगल, वाटर सर्फिंग सहित कई प्रकार के खेल और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं.
वंगाला फेस्टिवल
वंगाला भारत के मेघालय और बांग्लादेश के कुछ क्षेत्रों में बसने वाले गारो समुदाय के लोगों द्वारा नवंबर के महीने में फसल कटाई के समय सेलिब्रेट किया जाने वाला एक उत्सव है. गारो भाषा में 'वंगाला' का अर्थ 'सौ ढोल' है. इस त्यौहार में 'सलजोग' नमक सूर्य देवता का सम्मान किया जाता है. जो फसल के देवता माने जाते हैं.
पुष्कर मेला, राजस्थान
राजस्थान के पुष्कर में ऊंटों का मेला लगता है. पूरे राजस्थान के लोग अपने-अपने ऊंटों को लेकर यहाँ आते हैं, जहां ऊंटों को पारंपरिक परिधानों से सजाया जाता है.
सबसे सुंदर ऊँट और ऊंटनी को इनाम भी मिलता है. यही नहीं, ऊंटों की दौड़, ऊंटों के करतब, डांस और वेटलिफ्टिंग भी करवाई जाती है. इस बार इस मेले का आयोजन 28 अक्टूबर से 4 नवंबर तक हुआ. पुष्कर मेले में हज़ारों की संख्या में विदेशी टूरिस्ट भी आते हैं.